संवेग संरक्षण का नियम

संवेग संरक्षण को समझने के लिए संवेग को जानते है 

संवेग (Momentum):-

किसी गतिमान वस्तु के द्रवमान तथा वेग के गुणनफल को उस वस्तु का संवेग कहते है|
संवेग को "p" से दर्शाया जाता है 

                संवेग ( p ) = द्रवमान (m)×वेग (v)

                      P = mv

संवेग सदिश राशि है  इसका मात्रक किग्रा. मीटर / सेकंड (kg.m/s) होता है 

संवेग संरक्षण का नियम | Low of conservation of momentum


संवेग संरक्षण,  नाम से भी स्पष्ट है की संवेग का संरक्षण यानि नियत रहना या हम ये भी कह सकते है की जो संवेग पहले था वही संवेग बाद मे होना इसी को संवेग संरक्षण कहते है|

इस नियम के अनुसार  एक या एक से अधिक वस्तुओ के निकाय (system) पर कोई बाहरी बल नहीं लग रहा हो तो उस निकाय का कुल संवेग नियत रहता है, अर्थात संरक्षित रहता है|
या यूँ कहे की वस्तु पर लगने वाले परिणामी बल ( nat force ) का मान जीरो हो|

अर्थात एक वस्तु मे जितना संवेग परिवर्तन होता है उतना ही संवेग परिवर्तन दूसरी वस्तु मे विपरीत दिशा में होता है  और निकाय का संवेग नियत रहता है
आगे हम संवेग संरक्षण को उदाहरण से समझते है
उदाहरण

  1. रॉकेट की उड़ान 

रॉकेट की उड़ान एक शानदार उदाहरण है जिसमे न्यूटन का तीसरा नियम या संवेग संरक्षण का नियम लागु होता है | रॉकेट मे ईंधन के दहन से पैदा हुई  गैसे निश्चित वेग से बाहर निकलती है और इसकी प्रतिक्रिया रॉकेट को ऊपर धकेलती है इसे रॉकेट प्रणोदन कहते है|

रॉकेट की उड़ान
रॉकेट की उड़ान 
ईंधन दहन के दौरान निकलने वाली गेसो का वेग स्थाई रहता है इस कारण संवेग परिवर्तन की डॉ भी स्थाई होती है चुंकि ईंधन के दहन के कारण ईधन कम होता जाता है जिससे द्रवमान कम होता जाता है इसलिए त्वरण स्थाई नहीं रहता, रॉकेट का वेग और त्वरण दोनों मे ही वृद्धि होती है|

2. दो गेंदों की टक्कर 

ज़ब बराबर संवेग वाली दो गेंदे आपस मे टक्कर मारती है तो गेंदे अचानक रुक जाती है यहां निकाय का कुल संवेग टक्कर के पूर्व शून्य है और टक्कर के बाद फिर से शून्य हो जाता है अर्थात निकाय का कुल संवेग नियत या संरक्षित है|

कोरोना के बचाव के लिए करे ये काम :-
  • अपने हाथो को बार बार साबुन और पानी से धोए या सेनिटाइजर का इस्तेमाल करे 
  • बिना हाथ धोए चेहरा ना छुए
  • खांसते या छीकते समय डिस्पोजल टिशु का इस्तेमाल करे 
  • इस्तेमाल किए गए टिशु की फ़ेंक दे 
  • अगर टिशु नहीं है तो खांसते वक़्त रुमाल या अपनी बाजू का इस्तेमाल के 
  • भीड़ या लोगों के समूह मे जाने से बचे 
  • यह वायरस सतह पर आ सकता है जैसे मेज, कुर्सी दरवाजा इसी लिए अपने हाथों को बार बार साबुन से धोए 
  • तेज बुखार, सुखी खांसी आना, सांस लेने मे तकलीफ या जल्दी जल्दी सांस आए तो डॉक्टर से सम्पर्क करे 



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