सर आइजक न्यूटन

सर आइजक न्यूटन 

सर आइजक न्यूटन का जन्म 1642 ई. में इंग्लैण्ड के वूल्स्थोर्पे (Woolsthorpe) नामक शहर में हुआ| न्यूटन का जन्म उनके पिता की मृत्यु के तीन महीने बाद हुआ था, वह एक समृद्ध किसान थे, उनका नाम भी  आइजक न्यूटन था। विधालयी जीवन में उनकी अदभूत गणितीय प्रतिभा तथा यांत्रिक अभिरुचि अन्य लोगों से छिपी रही | 1662 ई. में स्नातक पूर्व अध्ययन के लिए वे कैम्ब्रिज गए |
सर आइजक न्यूटन
सर आइजक न्यूटन 

 सन 1669 ई. में प्लेग-महामारी फैलने के कारण विश्वविद्यालय बंद करना पड़ा और न्यूटन अपनी मातृभूमि वापस लौट आए |इन दो वर्षो के एकाकी जीवन में उनकी प्रसुप्त सृजनात्मक शक्ति विस्फुटित हुई |गणित तथा भौतिकी के मूल आविष्कारों: ऋणात्मक तथा भिन्नात्मक घातांको के लिए द्विपदी प्रमेय, अवकल गणित का आरंभ, गुरुत्वकर्षण का व्युत्क्रम वर्ग नियम, शवेत प्रकाश का स्पेक्ट्रम आदि की बाढ़-सी आ गई |दो वर्ष बाद कैम्ब्रिज लौटने पर उन्होंने प्रकाशिकी में अपने आविष्कारों को आगे बढ़ाया तथा परावर्ती दूरदर्शक की रचना की |
 यांत्रिकी में, न्यूटन ने संवेग तथा कोणीय संवेग दोनों के संरक्षण के सिद्धांतों को स्थापित किया। प्रकाशिकी में, उन्होंने पहला व्यवहारिक परावर्ती दूरदर्शी बनाया और इस आधार पर रंग का सिद्धांत विकसित किया कि एक प्रिज्म श्वेत प्रकाश को कई रंगों में अपघटित कर देता है जो दृश्य स्पेक्ट्रम बनाते हैं। उन्होंने शीतलन का नियम दिया और ध्वनि की गति का अध्ययन किया। गणित में, अवकलन और समाकलन कलन के विकास का श्रेय गोटफ्राइड लीबनीज के साथ न्यूटन को जाता है |
न्यूटन ने अपने वैज्ञानिक आविष्कारों को 1684 ई. में लिखना आरंम्भ किया और "दी प्रिंसीपिया मैथेमेटिका" नामक महान ग्रंथ की रचना की जो किसी भी काल में रचे गए महानतम ग्रंथो में से एक माना जाता है |
इसी ग्रंथ में न्यूटन ने गति के नियम तथा गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम का प्रतिपादन किया है | इस ग्रंथ में नयी-नयी पथ प्रदर्शक उपलब्धियाँ कूट-कूट कर भरी थीं जिनमे से कुछ प्रमुख इस प्रकार है :-तरल यांत्रिकी के मूल सिद्धांत, तरंग गति का गणित, पृथ्वी, सूर्य तथा अन्य ग्रहों की संहतियों का परिकलन, ज्वार-भाटों का सिद्धांत आदि |
सन 1706 ई. में न्यूटन ने एक अन्य उत्कृष्ट ग्रंथ "ऑप्टिक्स" प्रकाशित किया जिसमे उन्होंने अपने प्रकाश तथा वर्ण संबंधि कार्य का सार प्रस्तुत किया |
कॉपरनिकस जिस वैज्ञानिक क्रांति प्ररित किया और जिसे केप्लर तथा गैलीलियो ने प्रवलता से आगे प्रचलित किया उसी का भव्य संपूरण न्यूटन द्वारा हुआ | न्यूटन यांत्रिकी ने पार्थिव तथा आकाशीय परिघटनाओं को एकीकृत किया | एक ही समीकरण पृथ्वी पर सेव के गिरने तथा पृथ्वी के चारों ओर चन्द्रमा की परिक्रमा करने को नियंत्रित कर सकती थीं | विवेक के युग का उदय हो चुका था |

Comments

Popular posts from this blog

विभाज्यता के नियम | Rule of Divisibility | उदहारण के साथ

पृथ्वी की आंतरिक संरचना | Internal structure of the earth

विभाज्यता के नियम | Rule of Divisibility | उदहारण के साथ